अभ्यास: १३.१ (पृष्ठसङ्ख्या ३८)
१. भवान् सूचयतु |२. भवती गायतु |
३. भवान् प्रेषयतु |
४. भवती चलतु |
५. भवान् त्यजतु |
६. भवती मिलतु |
७. भवान् सञ्चरतु |
७. भवती तिष्ठतु |
८. भवान् प्रदर्शयतु |
९. भवती जानतु |
१०. भवान् दण्डयतु |
११. भवती प्रक्षालयतु |
अभ्यास: १३.२ (पृष्ठसङ्ख्या ३८)
१. सन्मार्गम् अनुसरतु |२. सहयोगं ददातु |
३. प्रकृतिं अनुसरतु |
४. संस्कृतं स्मरतु |
५. ध्येयं लसतु |
६. भारतं जयतु |
अभ्यास: १३.३ (पृष्ठसङ्ख्या ३८)
१. भवान् परिश्रमं करोतु |२. भवान् जागरुक: भवतु |
३. भवती प्रवचनं शृणोतु |
४. भवती विजयं प्राप्नोतु |
५. भवान् शक्तिं सम्पादयतु |
६. भवती दुर्गुणं त्यजतु |
७. भवान् लक्ष्यं साधयतु |
८. भवति पराक्रमं प्रदर्शयतु |
९. भवान् चित्रं निर्मातु |
१०. भवती नूतनं सृजतु |
अभ्यास: १३.४ (पृष्ठसङ्ख्या ३९)
१. भवान् नमतु | भवन्तौ नमताम् | भवन्त: नमन्तु |२. स: रक्षतु | तौ रक्षताम् | ते रक्षन्तु |
३. सा भ्रमतु | ते भ्रमताम् | ता: भ्रमन्तु |
४. त्वं त्यज | युवां त्यजतम् | यूयं त्यजत |
५. त्वं स्पृश | युवां स्पृशतम् | यूयं स्पृशत |
६. त्वं कूज | युवां कूजतम् | यूयं कूजत |
७. अहं पचानि | आवां पचाव | वयं पचाम |
८. अहं तरानि | आवां तराव | वयं तराम |
९. अहं भवानि | आवां भवाव | वयं भवाम |
अभ्यास: १३.४ (पृष्ठसङ्ख्या ४०)
१. त्वं वद |२. अहं चलानि |
३. भवान् उपविशतु |
४. तौ गायताम् |
५. युवां शृणतम् |
६. आवां भजताव |
७. ते कुर्वन्तु |
८. ते निर्माताम् |
९. वयं प्राप्नुम |
१०. यूयं तिष्ठत |
११. भवन्त: ददन्तु |
१२. त्वं कथय |
१३. अहं पिबानि |
१४. युवां नयतम् |
१५. यूयं गच्छत |
१६. आवां क्रीडाव |
१७. वयं शृणुयाम |
१८. भवन्तौ प्रविशताम् |
१९. भवन्त: जयन्तु |
अभ्यास: १३.६ (पृष्ठसङ्ख्या ४०)
१. अभ्यासं कुरु |२. निद्रां मा कुरु |
३. परिश्रमं कुरु |
४. अलसं मा कुरु |
५. गायनं कुरु |
६. रोदनं मा कुरु |
७. व्यायामं कुरु |
८. भोजनं मा कुरु |
९. लेखनं कुरु |
१०. श्रवणम् मा कुरु |
११. पिधानं कुरु |
१२. उद्घाटनं मा कुरु |
१३. परोपकारं कुरु |
१४. निन्दाम् मा कुरु |
१५. सहाय्यम् कुरु |
अभ्यास: १३.७ (पृष्ठसङ्ख्या ४०)
१. महोदय ! आगच्छतु |२. पादत्राणे अत्र स्थापयतु |
३. स्यूता: ददातु |
४. शिरस्त्राणम्
५. जलं स्वीकरोतु |
६. हस्तौ पादौ च प्रक्षालयतु |
७. आसन्दे उपविशतु |
८. परिवारस्य कुशलं कथयतु |
९. चायं स्वीकरोतु |
१०. अतिश्रमा: भूता: चेत् निद्रां करोतु |
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